अंकारा हमले के बाद तुर्की के निशाने पर कुर्द विद्रोही
१४ मार्च २०१६इस सिलसिले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. चारों को सीरिया से लगी सीमा से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार उसे यह सूचना मिली थी कि जिस कार को धमाके के लिए इस्तेमाल किया गया, वह दक्षिण पूर्वी तुर्की के सनलीउर्फा शहर से खरीदी गयी. यह इलाका कुर्द बहुल है. पुलिस का कहना है कि मारे गए लोगों में कम से कम एक और ज्यादा से ज्यादा दो हमलावर थे. एक महिला हमलावर के होने की बात भी कही जा रही है जिसके तार प्रतिबंधित कुर्द पार्टी पीकेके से जुड़े हैं. तुर्की इसे एक आतंकी संगठन मानता है.
पिछले पांच महीनों में यह अंकारा में हुआ तीसरा हमला है. पिछ्ला हमला हुए अभी एक महीना भी नहीं बीता है. तब 30 लोगों की जान गयी थी और कुर्दिस्तान फ्रीडम फैल्कन्स (टीएके) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि सरकार का मानना है कि उस हमले के पीछे भी पीकेके का ही हाथ था. दोनों हमले एक ही अंदाज में किए गए. 17 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के वाहनों को निशाना बनाया गया था. इस बार विस्फोट एक बस स्टॉप के करीब रखी गयी कार में किया गया. हमले की जगह संसद और प्रधानमंत्री कार्यालय से बहुत दूर नहीं है.
इस बीच शहर में दहशत का माहौल है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "लोग पिछले एक हफ्ते से एक और बम धमाके की बातें कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इसे संजीदगी से नहीं लिया. हम बहुत डरे हुए हैं क्योंकि सरकार को अपने देश के लोगों की चिंता ही नहीं है."
वहीं हमले के एक दिन बाद सोमवार को तुर्की ने इराक में कुर्द विद्रोहियों के इलाके में हमले किए हैं. अंकारा में विस्फोट होने के कुछ ही घंटों बाद तुर्की के एफ-16 और एफ-4 लड़ाकू विमानों को इराक स्थित पीकेके के ठिकानों की ओर रवाना किया गया. प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू का कहना है कि सरकार के पास अंकारा विस्फोट से जुड़ी "पुख्ता जानकारी" है और वे जल्द ही इसे सार्वजनिक करेंगे.
आईबी, एमजे (डीपीए/एएफपी)